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Tuesday, November 25, 2014

खुश रहेंगे आपके ऊनी कपड़े

ठंड के मौसम में हर किसी को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। आपके प्यारे ऊनी कपड़ों को भी। कैसे करें, ऊनी कपड़ों की देखभाल ताकि वो गर्माहट भी ज्यादा दें और उनकी उम्र भी बढ़े.


1. ऊनी कपड़ों की ओर बैक्टीरिया और धूल-मिट्टी जल्दी आकर्षित होते हैं, इसलिए अपने जैकेट और कोट को नियमित अंतराल पर ब्रश से साफ करें। इससे आपके सर्दियों के कपड़े न सिर्फ साफ रहेंगे, बल्कि किसी तरह की स्किन एलर्जी और रैशेज होने की आशंका भी नहीं रहेगी।

2. ठंड के कपड़ों को बीच-बीच में धूप में सुखाएं। पर ध्यान रहे कि सूरज की तेज रोशनी आपके ऊनी कपड़ों पर सीधी न पड़े। ऐसा करने से आपके ऊनी कपड़े बदरंग हो जाएंगे। वहीं धूप में ऊनी कपड़ों को सुखाने से उसकी नमी गायब हो जाएगी और साथ ही सभी कीटाणु भी मर जाएंगे। ऊनी कपड़ों को धूप में सुखाने से वो न सिर्फ आपको ज्यादा गर्माहट देंगे, बल्कि उन्हें पहनने पर भी आपको ज्यादा अच्छा महसूस होगा।

3. अपने भारी-भरकम स्वेटर को वॉर्डरोब में लटकाकर नहीं रखें। भारी स्वेटर को लटकाकर रखने से स्वेटर की फिटिंग बिगड़ जाती है। साथ ही हैंगर से स्वेटर को लटकाकर रखने से कंधे वाले हिस्से के जल्दी फटने की आशंका बढ़ जाती है।

4. ऊनी कपड़े बेहद नाजुक होते हैं। लंबी उम्र देने के लिए ऊनी कपड़ों को धोने के लिए हमेशा माइल्ड साबुन या डिटर्जेट और गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। माइल्ड साबुन और डिटर्जेट के इस्तेमाल से आपके ऊनी कपड़ों की चमक और उनका वास्तविक लुक बरकरार रहेगा। गुनगुना पानी आपके ऊनी कपड़ों में छिपे कीटाणुओं को मारेगा और उसकी स्वच्छता को बरकरार रखेगा।

5. स्वेटर और कार्डिगन में अकसर रोंए हो जाते हैं। ये रोंए स्वेटर और किसी अन्य वस्तु के बीच रगड़ खाने से होते हैं। ये रोंए आपके नए और स्टाइलिश स्वेटर को भी पुराना और गंदा लुक दे सकते हैं। इन रोंओं को हटाने के लिए छोटे रेजर का इस्तेमाल करें और अपने स्वेटर को फिर से नया लुक दें।

6. अपने स्वेटर पर लगे दाग-धब्बों को हटाने के लिए कभी भी उन पर ब्लीच का इस्तेमाल न करें। ब्लीच के इस्तेमाल से आपका स्वेटर बदरंग हो जाएगा। कभी भी ऐसे डिटर्जेट में स्वेटर न धोएं, जिसमें ब्लीच हो।

7. एक ही स्वेटर को तीन दिन से ज्यादा लगातार न पहनें। ऐसा करने से स्वेटर का शेप बिगड़ जाता है। साथ ही आपका स्वेटर जल्दी खराब और पुराना भी हो जाएगा।

8. ऊनी कपड़ों को हमेशा हाथ से ही धोएं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि ऊनी कपड़ों को धोने के लिए उसी डिटर्जेट का उपयोग करें, जो सिर्फ ऊनी कपड़ों के लिए बने हों।

9. ऊनी कपड़ों में कभी भी उस वक्त आयरन न करें, जब वह पूरी तरह से सूख चुके हों। हमेशा हल्के गीले ऊनी कपड़े में आयरन करें और इसके लिए स्टीम आयरन का इस्तेमाल करें। ऊनी कपड़े को उल्टा करने के बाद ही उसमें आयरन करें।

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1 comment:

  1. भारत एक कृषि प्रधान देश है और रहेगा इस में कोई संदेह नहीं है। विगत कुछ सालों से आयी आयातित गहरी जुताई ,रासायनिक उर्वरक ,भारी सिंचाई और मशीनों के कारण हमारे देश पर कृषि के अस्तित्व का भारी संकट आ गया है। खेत मरुस्थल में तब्दील होते जा रहे हैं और किसान खेती छोड़ रहे हैं। खेती किसानी के संकट के कारण उद्योग धंदे भी मंदी की चपेट में है। पर्यावरण नस्ट होते जा रहा है इस कारण महामारियां अपने चरम पर पहुँच रही है। हम सब जानते हैं की हमारी खेती किसानी हमारे पशुधन से जुडी है किन्तु अब पशुओं के लिए चारे का गंभीर संकट आ गया है इस कारण पशुधन भी लुप्तप्राय होने लगा है। एक और हमारे पालनहार अनाज ,फल सब्जियां प्रदूषित हो गए हैं वहीँ अच्छा दूध ,अंडे मांस भी अब उपलब्ध नहीं है। इसलिए अब हम बड़े खाद्य संकट में फंस गए हैं। वैज्ञानिक खेती के कारण हमारा पालनहार कार्बो आहार इतना खराब हो गया है की हर दसवा इंसान मधुमेह , मोटापे और कैंसर जैसी घातक बीमारी के चंगुल में फंसते जा रहा है। दालें जिन्हे हमारे पूर्वज बच्चे पाल कहते थे लुप्त होती जा रही हैं। उनमे भी आवशयक पोषक तत्व नदारत हैं। समस्या यह आ गयी है की आखिर हम क्या खाएं क्या नहीं खाये।

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