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Monday, May 27, 2013

फेंके नहीं इस्तेमाल की हुई चाय पत्ती


चाय बनाने के बाद छनी हुई चाय की पत्तियां अक्सर लोग बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन हम आपको यह बताएगें कि आप इन चाय की पत्तियों को फिर से कैसे इस्तेमाल करें -

- हाथ-पांव या किसी अंग में कट गया हो और खून बह रहा हो, तो इसे भर दें।
- बालों को मुलायम बनाने के लिए चाय की पत्ती को मेहंदी, आंवला के साथ सर पर लगायें अच्छी तरह सूख जाने पर धोयें।
-चाय की पत्ती कपड़े में बांध कर उबलते छोले में डाल दें। इससे छोला रंगदार व स्वादिष्ट बन जाएगा।
-चाय की पत्ती को पानी में डालकर उबालें उस पानी से लकडी़ के फर्नीचर और शीशा साफ करें। दाग धब्बे छूट जायेंगे व चमकदार हो जाते हैं।
-बनी हुई चाय की पत्ती अच्छी तरह धो लें। उसमें मिठास न रह जाय। उसे मनीप्लांट और गुलाब पौधे में डालें यह खाद का काम करेगी।
-बनी हुई चाय की पत्ती दुबारा पानी में डाल कर उबालें। उस पानी से घी और तेल के डब्बे साफ करें। इससे डब्बे की दुर्गंध जाती रहेगी।
-जिस स्थान पर अधिक मक्खियां बैठ रही हों। वहां धोयी हुई चाय की पत्ती को गीला करके रगड़ दें।

-चाय की पत्ती में थोड़ा सा विम पाउडर मिलाकर क्राकरी साफ करें। उसमें चमक आ जाएगी।

 सौ:22/मई/2013 (ITNN)>>>>

रसोई में जगह बचाने के टिप्स


रसोई एक ऐसा स्थान है जहां गृहणियों का सबसे ज्यादा समय गुजरता है लेकिन फिर भी वे यहां पर पडे अनुपयोगी सामान को हटाने क बारे मे नहीं सोचती। आइए जानते हैं कि कैसे आप अपनी रसोई को साफ-सुथरा और खुला-खुला बनाएं-
  • सबसे पहले तो आप अपने रसोई घर में नजर दौडा कर देखें की वहां कोई सामान बेवजह तो नहीं पडा है। काम में न आने वाले टोस्ट, अवन आदि को रसोई से हटा दें।

  • कप, बर्तन आदि को रखने के लिए स्टील का रैक आदि का प्रयोग बेहतर रहता है। संभव हो तो इसे दीवार पर अटैच करवा दें, इससे रसोई घर में ज्यादा जगह बचेगी।

  • रसोई में उसी सामान को रखें जो ठीक हो और जो उपयोगी हो।

  • रोजाना काम में आने वाली चीजों को बाहर ही रखें।

  • ऐसा सामान जो ज्यादा काम में नहीं आता है उसे आप रसोई की अलमारियों और दराजों में रख सकती हैं।

  • फ्रिज रसोई में ही रखना है तो उसे डाइनिंग टेबल के पास ही रखें।

  • मिक्सर, ग्राइंडर को रसोई में एक कोने में साफ जगह पर रखें जहां से स्विच बोर्ड पास हो और पानी की छींटे न पहुंचे।

  • छोटी अलमारी में भी रख सकती है ताकि जरूरत पडने पर ही निकाल सकें। 

  •                                                                                                                                      आजतक 

कुकिंग टिप्स



वर्तमान में भागदौड़ भरी जिंदगी में समय की कमी को दूर करने के लिए कुकिंग टिप्स बेहद कारगर होते हैं। इनसे रसोई के काम आसान हो जाते हैं। इसके लिए कुछ बातों पर गौर करना जरूरी है।

- रात की बची हुई दाल का सांभर बना कर परोस सकते हैं।

- एक कप दाल बनाने के लिए कम से कम 2 से 3 कप पानी डालें। फिर इसे पकाएं।

- यदि खड़ी दालें बनाना हो तो उन्हें रात को ही धोकर गला दें। इससे कुकिंग टाइम के साथ रसोई गैस की भी बचत होगी।

- ग्रेवी बनाते समय उसमें गरम पानी डालें। इससे स्वाद में इजाफा होगा।

- होममेड गार्लिक, जिंजर, ग्रीन चीली पेस्ट में एक टी स्पून गरम तेल और थोड़ा`सा नमक मिला देने से वह ज्यादा दिनों तक फ्रेश रहता 


Friday, May 3, 2013

रसोई को रखें साफ

अपनी रसोई में आप कुछेक घंटे तो जरूर बिताती होंगी। टेस्टी आलू दम बनाने से लेकर जायकेदार मटर-पनीर बनाने की आपकी रेसिपी का राज आपके अलावा आपकी रसोई को ही तो पता है! तो अपनी इस राजदार की हाइजीन का भी खास खयाल आपको ही रखना होगा।

1. बर्तनों को धोने के बाद हमेशा सुखाकर रैक में रखें। इससे बर्तन खराब नहीं होंगे और उनसे बदबू भी नहीं आएगी। यदि रात को बर्तन साफ न कर पाएं तो उन्हें कम से कम पानी से जरूर धो दें।
2. अगर आप किचन में बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल बहुत अधिक करती हैं तो इन उपकरणों के रख-रखाव का खास ख्याल रखें। इन्हें इस्तेमाल में लाने के बाद तुरंत सूखे कपड़े से झाड़-पोंछ कर रखें।
3. बिजली के उपकरणों को छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
4. रसोई को कॉक्रोच आदि कीड़े-मकोड़े से दूर रखने के लिए हिट, लक्ष्मण रेखा का उपयोग करें।
5. यदि आप कामकाजी हैं और रोजाना इतनी सफाई नहीं कर पाती हैं तो छह महीने में एक बार किचन में पेस्ट कंट्रोल करवाएं।
6. रसोई की खिड़की में जाली जरूर लगवाएं, ताकि छिपकली या चूहे आपकी रसोई में अपना घर न बना सकें।
7. फिनाइल से रसोई की सफाई करें, चींटियां दूर रहेंगी।
8. वेंटीलेशन के लिए रसोई में चिमनी जरूर लगवाएं। रसोई की दीवारों में काले-काले निशान नहीं पड़ेंगे और धुंआ भी इकट्ठा नहीं होगा।
9. बर्तन साफ करने के लिए लोहे वाले जूने का प्रयोग न करें। इससे बर्तन पर निशान पड़ जाएगा।
10. रसोई में स्लैब और गैस आदि साफ करने के लिए कपड़े की जगह वाइप्स का इस्तेमाल करें। किचन में टिश्यू पेपर भी रखें ताकि दाग लगने पर उसे टिश्यू पेपर की मदद से आसानी से साफ किया जा सके। दाग जब सूख जाते हैं, तब उसे साफ करना बेहद मुश्किल भरा काम है।
11. किसी भी कंटेनर, जार या डिब्बे का इस्तेमाल करके उसे साथ ही साफ करें। महीने या हफ्ते में सफाई का इंतजार न करें। इससे आपकी रसोई भी हमेशा चमकती रहेगी और आपको एक साथ ढेर सारा काम भी नहीं करना पड़ेगा।
12. बर्तन साफ करने के लिए जुराब आदि का इस्तेमाल न करें। बर्तन साफ करने के लिए मार्केट में कई प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, उनका इस्तेमाल करें। स्कॉच ब्राइट से इसके लिए बेहतर है।
13. रसोई के लिए अलग कूड़ेदान बनाएं। कूड़ेदान में हमेशा पॉलीथीन लगा कर रखें। इससे कूड़ा फेंकने में भी सुविधा होती है और कूड़ेदान गंदा भी नहीं होता।
14. माइक्रोवेव, फ्रिज, टोस्टर, मिक्सी आदि को स्विच ऑफ करके गीले कपड़े से साफ करें। नियमित सफाई न होने पर इन उपकरणों में से बदबू आने लगती है।
15. रसोई में एग्जॉस्ट फैन जरूर लगवाएं। इससे रसोई में काम करते वक्त घुटन नहीं होगी और खाना बनाते वक्त धुंआ घर में इकट्ठा नहीं होगा।
16. बर्तन मांजने के तुरंत बाद सिंक को भी साबुन से साफ करें। आजकल सिंक स्टील के होते हैं। साबुन से तुरंत साफ हो जाते हैं।
17. अगर रसोई में चाय का निशान पड़ गया है तो उसे सिरके की मदद से हटाएं।

18. रसोई में बर्तन आदि साफ करने के बाद हाथ पोछने के लिए तौलिया आदि जरूर रखें। इससे रसोई में हाइजीन के स्तर को बरकरार रखने में आपको मदद मिलेगी।

Thursday, May 2, 2013

बचे हुए भोजन का सदुपयोग


 हुआ भोजन कभी दोबारा खाने का मन न हो तो उसे कुछ और रूप देकर आकर्षक और स्वादिष्ठ बनाया जा सकता है। बचपन से सुनते आये हैं कि भोजन फेंकना अन्न का अपमान होता हैं। अन्न बहुमूल्य है इसलियें ज़रूरत से ज़्यादा न भी बनायें तो भी कुछ न कुछ खाना बच ही जाता है।

सब्जियाँ-
सूखी सब्ज़ियाँ जैसे गोभी पत्ता गोभी गाजर मटर या पालक वगैरह को कई तरह से प्रयोग कर सकते है। जोभी सब्ज़ी बची हो उसे मसल कर आटे मे गूँध लें इसके पराँठे बहुत स्वादिठ लगेंगे अचार के साथ। थोड़ा सा बेसन सूखी कढ़ाई मे भून लें। सब सब्ज़ियाँ मसल कर बेसन मे मिलाले। इसको पराँठे मे भर के पराँठे बनाले। इसी के कोफ्ते भी बन सकते हैं।

[2] की तरह सब्जियाँ और बेसन मिलालें। थोड़े आलू उबाल कर मसल लें। थोड़ी सूखी हुई या ताज़ी ब्रेड भिगो कर निचोड़ ले।बेसन न मिलाना हो तो सूजी भूनकर मिला सकते हैं। सभी चीज़े मिलाकर कटलेट बन सकते हैं। सब्ज़ियों को पके हुए चावल मे मिलाकर ज़ीरे तड़का लगाकर थोड़ा गरम मसाला डालकर नमकीन स्वदिष्ठ चवल बन सकते हैं। लोकी तोरई टिंडे जैसी हरी सब्ज़ियाँ पीसकर टमाटर डालकर सूप अच्छा बन सकता है।

दालें
बची हुई किसी भी दाल मे बरीक कटी हुई प्याज़ हरा धनियाँ मिलायें इसे आटे मे गूंध कर पराँठे बनालें। दाल को बेसन के साथ धोल कर प्याज़ की पकौड़ियाँ बनाले। दाल को पीस कर आटे मे गूंध कर पूरियाँ भी बन सकती हैं। दाल ज़्यादा होतो दोबारा तड़का लगाकर भी ताज़ी जैसी हो जाती है।

रोटियाँ
बासी रोटी कोई नहीं खाना चाहता। थोड़ा सा बेसन का घोल बनायें उसमे प्याज़ हरी मिर्च हरा धनियाँ काट कर मिलालें रोटी के एक तफ फैला कर पराँठे की तरह सेकें। चार टुकड़े छुरी से करके चनी या अचार के साथ परोसें। रोटी के छोटे छोटे टुकड़े करके प्याज काटके, बेसन के घोल मे डाकर पकौडियाँ तल सकते है।

चावल
यदि चावल बहुत थोडे से बचे हों तो ताज़े चावल बनाकर बचे हुए चावल की ऊपरी सतह लगाकर ढक दें।ताज़े चावल की भाप से बचे हुए चावल भी एकदम ताज़ा जैसे हो जायेंगे। यदि चावल ज़्यादा बचे हों तो उनमे उबलता हुआ पानी डालकर 2 मिनट छोड़ दें फिर पानी छान कर निकाल दें अगर चावल गीले से लगें तो एक दो मिनट हल्की आंच पर रहने दें।

बचे हुए चावल मे किसी भी प्रकार का तड़का (छौंक) लगा सकते हैं,जैसे प्याज़ टमाटर,ज़ीरा गर्म मसाला या सरसों के दाने का। ज़ीरे के छौंक के साथ बची हुई सब्ज़ियाँ और सरसौं के छौंक के साथ भुनी हुई मूमफली मिलाई जा सकती है, नीबू का रस भी डाला जा सकता है।

सूखी ब्रैड
ब्रैड सूखी सी हो जाय तो वह ख़राब नहीं होती उसे भिगोकर निचोड़ कर कटलेट या कोफ्ते मे डाला जा सकता है।

गुंधा हुआ आटा
यदि गुंधा हुआ आटा थोड़ा खट्टा भी हो जाय तो उसे ख़राब नहीं समझना चाहिये, थोड़ा ख़मीर उठने से पौष्टिकता कम नहीं होती बल्कि विटामिन बी पैदा हो जाता है।इस आटे की थोड़ी मोटी सी करारी रोटी हल्की आंच पर सेक कर धी लगाकर खा सकते हैं या नमक मिर्च मिलाकर परांठे भी बन सकते हैं।

अचार का बचा हुआ तेल मसाला

तेल छानकर मसाला अलग करें। तेल मे करेले भिंडी जैसी सब्ज़ियाँ और पराँठे बन सकते हैं। अचारी स्वाद अच्छालगता है।अचार का मसाला थोड़ा सुखा कर पराँठे मे भरा जा सकता है।आटे मे गूंध कर भी अचारी परांठे बन सकते हैं। संक्षेप मे कहा जाय तो बची हुई दाल, सब्जी, चावल, अचार का तेल मसाला सूखी ब्रैड और रोटी को स्वादिष्ठ परांठे, पूरी, नमकीन चावल, कटलेट या कोफ्ते बनाने मे अपनी सूझबूझ से प्रयोग किया जा सकता है।

सौ:http://insighttvnews.com/articledetails.php?show=278