हुआ भोजन कभी दोबारा खाने का मन न हो तो उसे कुछ
और रूप देकर आकर्षक और स्वादिष्ठ बनाया जा सकता है। बचपन से सुनते आये हैं कि भोजन
फेंकना अन्न का अपमान होता हैं। अन्न बहुमूल्य है इसलियें ज़रूरत से ज़्यादा न भी
बनायें तो भी कुछ न कुछ खाना बच ही जाता है।
सब्जियाँ-
सूखी सब्ज़ियाँ जैसे गोभी पत्ता गोभी गाजर मटर या पालक वगैरह को
कई तरह से प्रयोग कर सकते है। जोभी सब्ज़ी बची हो उसे मसल कर आटे मे गूँध लें इसके
पराँठे बहुत स्वादिठ लगेंगे अचार के साथ। थोड़ा सा बेसन सूखी कढ़ाई मे भून लें। सब
सब्ज़ियाँ मसल कर बेसन मे मिलाले। इसको पराँठे मे भर के पराँठे बनाले। इसी के
कोफ्ते भी बन सकते हैं।
[2] की तरह सब्जियाँ और बेसन मिलालें। थोड़े आलू उबाल कर मसल
लें। थोड़ी सूखी हुई या ताज़ी ब्रेड भिगो कर निचोड़ ले।बेसन न मिलाना हो तो सूजी
भूनकर मिला सकते हैं। सभी चीज़े मिलाकर कटलेट बन सकते हैं। सब्ज़ियों को पके हुए
चावल मे मिलाकर ज़ीरे तड़का लगाकर थोड़ा गरम मसाला डालकर नमकीन स्वदिष्ठ चवल बन
सकते हैं। लोकी तोरई टिंडे जैसी हरी सब्ज़ियाँ पीसकर टमाटर डालकर सूप अच्छा बन सकता
है।
दालें
बची हुई किसी भी दाल मे बरीक कटी हुई प्याज़ हरा धनियाँ मिलायें
इसे आटे मे गूंध कर पराँठे बनालें। दाल को बेसन के साथ धोल कर प्याज़ की पकौड़ियाँ
बनाले। दाल को पीस कर आटे मे गूंध कर पूरियाँ भी बन सकती हैं। दाल ज़्यादा होतो
दोबारा तड़का लगाकर भी ताज़ी जैसी हो जाती है।
रोटियाँ
बासी रोटी कोई नहीं खाना चाहता। थोड़ा सा बेसन का घोल बनायें
उसमे प्याज़ हरी मिर्च हरा धनियाँ काट कर मिलालें रोटी के एक तफ फैला कर पराँठे की
तरह सेकें। चार टुकड़े छुरी से करके चनी या अचार के साथ परोसें। रोटी के छोटे छोटे
टुकड़े करके प्याज काटके, बेसन के घोल मे डाकर पकौडियाँ तल सकते है।
चावल
यदि चावल बहुत थोडे से बचे हों तो ताज़े चावल बनाकर बचे हुए चावल
की ऊपरी सतह लगाकर ढक दें।ताज़े चावल की भाप से बचे हुए चावल भी एकदम ताज़ा जैसे हो
जायेंगे। यदि चावल ज़्यादा बचे हों तो उनमे उबलता हुआ पानी डालकर 2 मिनट छोड़ दें
फिर पानी छान कर निकाल दें अगर चावल गीले से लगें तो एक दो मिनट हल्की आंच पर रहने
दें।
बचे हुए चावल मे किसी भी प्रकार का तड़का (छौंक) लगा सकते
हैं,जैसे प्याज़ टमाटर,ज़ीरा गर्म मसाला या सरसों के दाने का। ज़ीरे के छौंक के साथ
बची हुई सब्ज़ियाँ और सरसौं के छौंक के साथ भुनी हुई मूमफली मिलाई जा सकती है, नीबू
का रस भी डाला जा सकता है।
सूखी ब्रैड
ब्रैड सूखी सी हो जाय तो वह ख़राब नहीं होती उसे भिगोकर निचोड़
कर कटलेट या कोफ्ते मे डाला जा सकता है।
गुंधा हुआ आटा
यदि गुंधा हुआ आटा थोड़ा खट्टा भी हो जाय तो उसे ख़राब नहीं
समझना चाहिये, थोड़ा ख़मीर उठने से पौष्टिकता कम नहीं होती बल्कि विटामिन बी पैदा
हो जाता है।इस आटे की थोड़ी मोटी सी करारी रोटी हल्की आंच पर सेक कर धी लगाकर खा
सकते हैं या नमक मिर्च मिलाकर परांठे भी बन सकते हैं।
अचार का बचा हुआ तेल मसाला
तेल छानकर मसाला अलग करें। तेल मे करेले भिंडी जैसी सब्ज़ियाँ और
पराँठे बन सकते हैं। अचारी स्वाद अच्छालगता है।अचार का मसाला थोड़ा सुखा कर पराँठे
मे भरा जा सकता है।आटे मे गूंध कर भी अचारी परांठे बन सकते हैं। संक्षेप मे कहा जाय
तो बची हुई दाल, सब्जी, चावल, अचार का तेल मसाला सूखी ब्रैड और रोटी को स्वादिष्ठ
परांठे, पूरी, नमकीन चावल, कटलेट या कोफ्ते बनाने मे अपनी सूझबूझ से प्रयोग किया जा
सकता है।
सौ:http://insighttvnews.com/articledetails.php?show=278
Really very good
ReplyDelete-Nahid,Bikaner Rajasthan.